सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते ‘दीमक लगे गुलाब’

प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है ‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की … Continue reading सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते ‘दीमक लगे गुलाब’